Friday, 13 February 2015

उड़ान-2014-15

== हाइबुन ==

एक कछुआ और लोमड़ी आपस में दोस्त थे। एक दिन नदी के किनारे दोनों आपस में बातचीत कर रहे थे। उसी समय एक तेंदुआ वहाँ आ गया। तेंदुए को देखकर लोमड़ी भाग गई लेकिन कछुआ भाग नहीं पाया। कछुआ बहुत डर गया और तेंदुए से छोड़ देने के लिए गिड़गिड़ाने लगा। लेकिन तेंदुआ कछुए को छोड़ने को तैयार नहीं हुआ तभी लोमड़ी वापस आ गई और कछुए से बोली कि ‘तुम इसे खा नहीं सकते’ तेंदुए ने कहा कि क्यों नहीं खा सकता ? लोमड़ी ने कहा कि- ‘कछुए का खोल बहुत कठोर है यदि इसे पानी में डाल दो तो फिर इसका खोल नरम हो जायेगा फिर तुम इसे आसानी से खा लेना।’ 
तेंदुए ने कछुए को नदी के पानी में डाल दिया। फिर क्या था, कछुआ पानी में जल्दी से अन्दर चला गया और लोमड़ी भी वहाँ से भाग गई। तेंदुआ हाथ मलता रह गया। लोमड़ी और कछुआ दोनों खुशी से रहने लगे।
पक्की मित्रता
लोमड़ी-कछुआ की
मूर्ख तेंदुआ



-सुजाल विश्वास
कक्षा 7 अ 

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